Skip to main content

मुरली से108 स्वमान की माला

 1. मैंज्ञानी तूआत्मा हूँ। 2. मैंस्नेही आत्मा हूँ। 3. मैंसहयोगी आत्मा हूँ। 

4. मैंबाप की लगन मेंमगन आत्मा हूँ। 5. मैंविशेष आत्मा हूँ। 6. मैंसदा उमंग उत्साह मेंरहने िाली आत्मा हूँ। 7. मैंउमंग के बीज को अटेन्शन रूपी पानी देने िाली आत्मा हूँ। 8. मैंउमंग के बीज को चेवकं ग रूपी धूप देने िाली आत्मा हूँ। 

9. मैंश्रेष्ठ संकल्ों के बीज बोने िाली आत्मा हूँ। 10. मैंबापदादा से मीठी मीठी रुहरुहान करने िाली आत्मा हूँ। 11. मैंसंकल् रूपी बीज को फलीभूत करने िाली आत्मा हूँ। 

12. मैंबीज रूप बाप से हर समय सिव शक्तियों का बल भरने िाली आत्मा हूँ। 13. मैंसागर और सूयव से ही पानी और धूप लेने िाली आत्मा हूँ। 14. मैंविवध द्वारा िृक्ति प्राप्त करने िाली आत्मा हूँ। 

15. मैंसदा खुशी मेंनाचने िाली आत्मा हूँ। 16. मैंतीव्र गवत की चाल िाली आत्मा हूँ। 17. मैंसदा संतुष्ट आत्मा हूँ। 18. मैंश्रेष्ठ जीिन िाली आत्मा हूँ। 19. मैंसिव से न्यारी और सिव की प्यारी आत्मा हूँ।

 20. मैंअलौवकक प्रीत की रीत वनभानेिाली आत्मा हूँ। 21. मैंसब कु छ सहज अनुभि करने िाली आत्मा हूँ। 22. मैंपुरुषार्व की तीव्र रफ्तार िाली आत्मा हूँ। 23. मैंसमय से पहले सम्पूर्व मंवजल पर पहूँचने िाली आत्मा हूँ।

 24. मैंविघ्नविनाशक आत्मा हूँ। 25. मैंसिव को सुख चैन की अनुभूवत कराने िाली आत्मा हूँ। 26. मैंबहत काल सेवनविवघ्न क्तथर्वत िाली आत्मा हूँ। 27. मैंदू सरों को शक्ति देने के वनवमत्त आत्मा हूँ। 28. मैंशक्तियों के स्टॉक से भरपूर आत्मा हूँ।

 29. मैंस्वमान की सीट पर सेट आत्मा हूँ। 30. मैंप्रत्यक्षता का झण्डा लहराने िाली आत्मा हूँ। 31. मैंभटकती हई आत्माओं को शांवत का वठकाना देने िाली आत्मा हूँ। 32. मैंप्रत्यक्ष फल खाने िाली आत्मा हूँ। 33. मैंसन्तुष्टमर्ी आत्मा हूँ।

 34. मैंहर सेकण्ड कमाई करने िाली आत्मा हूँ। 35. मैंडबल तकदीरिान आत्मा हूँ। 36. मैंमहान आत्मा हूँ। 37. मैंशक्ति रूप आत्मा हूँ। 38. मैंमाया का संघार करने िाली शक्ति हूँ। 39. मैंसदा ईश्वरीय नशे मेंरहने िाली आत्मा हूँ। 40. मैंबहादुर आत्मा हूँ। 

41. मैंभगिान से पूरे जीिन का सौदा करने िाली आत्मा हूँ। 42. मैंस्वराज्य अवधकारी आत्मा हूँ। 43. मैंसमझदार आत्मा हूँ। 44. मैंअपने वििेक की जजमेन्ट से जीिन बनाने िाली आत्मा हूँ। 45. मैंभगिान को अपने आपको ऑफर करने िाली आत्मा हूँ। 46. मैंभगिान से पक्का सौदा करने िाली आत्मा हूँ। 

47. मैंसंपूर्व बंधन मुि आत्मा हूँ। 48. मैंजंगल मेंरहते भी स्वतंत्र शेर हूँ। 49. मैंएक बल एक भरोसे िाली आत्मा हूँ। 50. मैंयोग अवि से सिव बन्धनों को भस्म करने िाली आत्मा हूँ। 51. मैंसदा के वलए मुि आत्मा हूँ। 52. मैंसरलवचत आत्मा हूँ। 53. मैंसफलता का वसतारा हूँ। 54. मैंसफलतामूतव आत्मा हूँ।

 55. मैंसिवस्व त्यागी आत्मा हूँ। 56. मैंसहनशीलता का अितार हूँ। 57. मैंरूहानी आकषवर्मूतव आत्मा हूँ। 58. मैंसार युि आत्मा हूँ। 59. मैंसरल पुरुषार्ी आत्मा हूँ। 60. मैंसब बातों मेंऑलराउंडर आत्मा हूँ। 

61. मैंमुख से सदा समर्व बोल बोलने िाली आत्मा हूँ। 62. मैंसब बातों मेंसैम्पल आत्मा हूँ। 63. मैंपास विद ऑनर आत्मा हूँ। 64. मैंनॉलेजफू ल आत्मा हूँ। 65. मैंबचपन और बुजुगवपन का बैलेंस रखनेिाली आत्मा हूँ। 66. मैंफॉलो फादर करने िाली आत्मा हूँ। 67. मैंहां जी का पाठ पक्का करने िाली आत्मा हूँ। 

68. मैंना शब्द को वनकालने िाली आत्मा हूँ। 69. मैंधैयवता के गुर्युि आत्मा हूँ। 70. मैंकठोर संस्कारों िालों को शीतल बनाने िाली आत्मा हूँ। 71. मैंकवठन कायव को सहज करने िाली आत्मा हूँ। 72. मैंसहज पुरुषार्ी आत्मा हूँ। 73. मैंसरलता के फीचसव िाली देि आत्मा हूँ। 74. मैंफररश्ता हूँ।

75. मैंमास्टर भोलानार् हूँ। 76. मैंमास्टर ऑलमाइटी अर्ॉररटी हूँ। 77. मैंबहत सािधान खबरदार होवशयार आत्मा हूँ। 78. मैंविशेषता संपन्न आत्मा हूँ। 79. मैंसदा एक की मत पर चलने िाली आत्मा हूँ। 80. मैंएक से सिव संबंध वनभाने िाली आत्मा हूँ।

 81. मैंएक से ही सिव प्राक्तप्त करने िाली आत्मा हूँ। 82. मैंसदा एकरस आत्मा हूँ। 83. मैंसदा खुश रहने िाली आत्मा हूँ। 84. मैंसदा खुशी का खजाना बांटने िाली आत्मा हूँ। 85. मैंस्तुवत की इच्छा मात्रम अविद्या आत्मा हूँ। 86. सरलता मेरा वनजी स्वभाि है। 87. मैंसमेटने की शक्ति से सम्पन्न आत्मा हूँ।

 88. मैंसिव की वप्रय आत्मा हूँ। 89. मैंव्यर्वमुि आत्मा हूँ। 90. मैंसमय को सफल करने िाली आत्मा हूँ। 91. मैंसंकल्ों को सफल करने िाली आत्मा हूँ। 92. मैंविशाल बुक्ति आत्मा हूँ। 93. मैंदू रांदेशी आत्मा हूँ। 94. मैंसमस्या मुि आत्मा हूँ। 95. मैंस्वच्छ आत्मा हूँ। 

96. मैंसच्चाई और सफाई िाली आत्मा हूँ। 97. मैंबहरूपी आत्मा हूँ। 98. मैंररयल गोल्ड और मोल्ड आत्मा हूँ। 99. मैंअपनी िा दू सरों की बीती को देखने की दृवष्टहीन आत्मा हूँ। 100. मैंमधुरता के गुर् िाली आत्मा हूँ। 101. मैंस्पष्टता के गुर् िाली आत्मा हूँ। 

102. मैंबाप समान आत्मा हूँ। 103. मैंसदा फु ल स्टॉप लगाने िाली आत्मा हूँ। 104. मैंस्वपररितवक आत्मा हूँ। 105. मैंसिव की दुआओं के पात्र आत्मा हूँ। 106. मैंकं टर ोवलंग पािर िाली आत्मा हूँ। 

107. मैंहर श्रेष्ठ संकल् को दृढ़ता का ठप्पा लगाने िाली आत्मा हूँ। 108. मैंविजयी रत्न हूँ। अर्न्तराष्ट्रीय योग के ललये 1. मैंडबल लाइट फररश्ता हूँ। 2. मैंविश्व को शांवत और शक्ति की सकाश देने िाली आत्मा हूँ। 3. मैंअंतमुवखता की गुफा मेंरहने िाली आत्मा हूँ। 4. मैंकमवयोगी आत्मा हूँ। ◆ ओम शान्ति ◆

Comments

Popular posts from this blog

Todays Hindi Murli

01-12-2024     प्रात:मुरली  ओम् शान्ति 18.01.2003 "बापदादा"    मधुबन ब्राह्मण जन्म की स्मृतियों द्वारा समर्थ बन सर्व को समर्थ बनाओ आज चारों ओर के सर्व स्नेही बच्चों के स्नेह के मीठे-मीठे याद के भिन्न-भिन्न बोल, स्नेह के मोती की मालायें बापदादा के पास अमृतवेले से भी पहले पहुंच गई। बच्चों का स्नेह बापदादा को भी स्नेह के सागर में समा लेता है। बापदादा ने देखा हर एक बच्चे में स्नेह की शक्ति अटूट है। यह स्नेह की शक्ति हर बच्चे को सहजयोगी बना रही है। स्नेह के आधार पर सर्व आकर्षणों से उपराम हो आगे से आगे बढ़ रहे हैं। ऐसा एक बच्चा भी नहीं देखा जिसको बापदादा द्वारा या विशेष आत्माओं द्वारा न्यारे और प्यारे स्नेह का अनुभव न हो। हर एक ब्राह्मण आत्मा का ब्राह्मण जीवन का आदिकाल स्नेह की शक्ति द्वारा ही हुआ है। ब्राह्मण जन्म की यह स्नेह की शक्ति वरदान बन आगे बढ़ा रही है। तो आज का दिन विशेष बाप और बच्चों के स्नेह का दिन है। हर एक ने अपने दिल में स्नेह के मोतियों की बहुत-बहुत मालायें बापदादा को पहनाई। और शक्तियां आज के दिन मर्ज हैं लेकिन स्नेह की शक्ति इम...

Today's Hindi Murli

10-12-2024 प्रात:मुरली ओम् शान्ति "बापदादा"' मधुबन “मीठे बच्चे - तुम्हारे यह रिकार्ड संजीवनी बूटी हैं, इन्हें बजाने से मुरझाइस निकल जायेगी'' प्रश्नः- अवस्था बिगड़ने का कारण क्या है? किस युक्ति से अवस्था बहुत अच्छी रह सकती है? उत्तर:- 1. ज्ञान की डांस नहीं करते, झरमुई झगमुई में अपना समय गँवा देते हैं इसलिए अवस्था बिगड़ जाती है। 2. दूसरों को दु:ख देते हैं तो भी उसका असर अवस्था पर आता है। अवस्था अच्छी तब रहेगी जब मीठा होकर चलेंगे। याद पर पूरा अटेन्शन होगा। रात को सोने के पहले कम से कम आधा घण्टा याद में बैठो फिर सवेरे उठकर याद करो तो अवस्था अच्छी रहेगी। गीत:- कौन आया मेरे मन के द्वारे......   Audio Player ओम् शान्ति।  यह रिकॉर्ड भी बाबा ने बनवाये हैं बच्चों के लिए। इनका अर्थ भी बच्चों के सिवाए कोई जान नहीं सकते। बाबा ने कई बार समझाया है कि ऐसे अच्छे-अच्छे रिकॉर्ड घर में रहने चाहिए फिर कोई मुरझाइस आती है तो रिकॉर्ड बजाने से बुद्धि में झट अर्थ आयेगा तो मुरझाइस निकल जायेगी। यह रिकॉर्ड भी संजीवनी बूटी है। बाबा डायरेक्शन तो देते हैं परन्तु कोई अमल में लाये। अब यह गीत में क...

Todays Hindi Avyakt Murli_10/11/24

Title of the document Todays Avyakt Murli_10/11/24 Sonamukhi Rajyoga meditation Centre Download PDF : Download