Skip to main content

Brahmakumaris Traffic Control Software_PC

 Click Here To Redirect

Comments

Popular posts from this blog

Todays Hindi Murli

01-12-2024     प्रात:मुरली  ओम् शान्ति 18.01.2003 "बापदादा"    मधुबन ब्राह्मण जन्म की स्मृतियों द्वारा समर्थ बन सर्व को समर्थ बनाओ आज चारों ओर के सर्व स्नेही बच्चों के स्नेह के मीठे-मीठे याद के भिन्न-भिन्न बोल, स्नेह के मोती की मालायें बापदादा के पास अमृतवेले से भी पहले पहुंच गई। बच्चों का स्नेह बापदादा को भी स्नेह के सागर में समा लेता है। बापदादा ने देखा हर एक बच्चे में स्नेह की शक्ति अटूट है। यह स्नेह की शक्ति हर बच्चे को सहजयोगी बना रही है। स्नेह के आधार पर सर्व आकर्षणों से उपराम हो आगे से आगे बढ़ रहे हैं। ऐसा एक बच्चा भी नहीं देखा जिसको बापदादा द्वारा या विशेष आत्माओं द्वारा न्यारे और प्यारे स्नेह का अनुभव न हो। हर एक ब्राह्मण आत्मा का ब्राह्मण जीवन का आदिकाल स्नेह की शक्ति द्वारा ही हुआ है। ब्राह्मण जन्म की यह स्नेह की शक्ति वरदान बन आगे बढ़ा रही है। तो आज का दिन विशेष बाप और बच्चों के स्नेह का दिन है। हर एक ने अपने दिल में स्नेह के मोतियों की बहुत-बहुत मालायें बापदादा को पहनाई। और शक्तियां आज के दिन मर्ज हैं लेकिन स्नेह की शक्ति इम...

Todays Hindi Murli 30/12/24

  30-12-2024 प्रात:मुरली ओम् शान्ति "बापदादा"' मधुबन “मीठे बच्चे - आत्मा रूपी बैटरी को ज्ञान और योग से भरपूर कर सतोप्रधान बनाना है, पानी के स्नान से नहीं'' प्रश्नः- इस समय सभी मनुष्य आत्माओं को भटकाने वाला कौन है? वह भटकाता क्यों है? उत्तर:- सभी को भटकाने वाला रावण है क्योंकि वह खुद भी भटकता है। उसे अपना कोई घर नहीं है। रावण को कोई बाबा नहीं कहेंगे। बाप तो परमधाम घर से आता है अपने बच्चों को ठिकाना देने। अभी तुम्हें घर का पता चल गया इसलिए तुम भटकते नहीं हो। तुम कहते हो हम बाप से पहले-पहले जुदा हुए अब फिर पहले-पहले घर जायेंगे। ओम् शान्ति।   मीठे-मीठे सिकीलधे बच्चों प्रति मात-पिता बापदादा का याद-प्यार और गुडमॉर्निग। रूहानी बाप की रूहानी बच्चों को नमस्ते। धारणा के लिए मुख्य सार:- 1) देह के सब सम्बन्ध कैन्सिल कर आत्मा भाई-भाई हैं, यह निश्चय करना है और बाप को याद कर पूरे वर्से का अधिकारी बनना है। 2) अब पाप आत्माओं से लेन-देन नहीं करनी है। अज्ञान नींद से सबको जगाना है, शान्तिधाम-सुखधाम जाने का रास्ता बताना है। वरदान:- मन-बुद्धि की एकाग्रता द्वारा सर्व सिद्धियां प्राप्त क...