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শ্রীমদ্ভগবদ্গীতা

Srimad Bhagbat Gita_ Mangalaharanam



Class : 1
গ্রনথ্ পরিচয়


Class 2
Sainya Darshan 1-14


Class 3

Sainya Darshan 15-20

Class 4
Sainya Darshan 20-30



CLASS 5

Sainya Darshan 30-40


CLASS 6


Sainya Darshan 30-40


END OF THE CHAPTER:1 SANYA DARSHAN


STARTING OF CHAPTER 2: SANKHYA YOG

CLASS 7
Sankhya Yog


Class 8

Sankhya Yog 10-20


Class 8
Sankhya Yog 20-30


Class 9 Part :1
Sankhya Yog 30-40


Class 9 Part :2
Sankhya Yog 30-40


Class 10 Part 1
Sankhya Yog 30-40



Class 10 Part 2
Sankhya Yog 40-50

Class 11
Sankhya Yog 50-60

Class 12
Sankhya Yog 60-70

Class 12

Sankhya Yog 70-82



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01-12-2024     प्रात:मुरली  ओम् शान्ति 18.01.2003 "बापदादा"    मधुबन ब्राह्मण जन्म की स्मृतियों द्वारा समर्थ बन सर्व को समर्थ बनाओ आज चारों ओर के सर्व स्नेही बच्चों के स्नेह के मीठे-मीठे याद के भिन्न-भिन्न बोल, स्नेह के मोती की मालायें बापदादा के पास अमृतवेले से भी पहले पहुंच गई। बच्चों का स्नेह बापदादा को भी स्नेह के सागर में समा लेता है। बापदादा ने देखा हर एक बच्चे में स्नेह की शक्ति अटूट है। यह स्नेह की शक्ति हर बच्चे को सहजयोगी बना रही है। स्नेह के आधार पर सर्व आकर्षणों से उपराम हो आगे से आगे बढ़ रहे हैं। ऐसा एक बच्चा भी नहीं देखा जिसको बापदादा द्वारा या विशेष आत्माओं द्वारा न्यारे और प्यारे स्नेह का अनुभव न हो। हर एक ब्राह्मण आत्मा का ब्राह्मण जीवन का आदिकाल स्नेह की शक्ति द्वारा ही हुआ है। ब्राह्मण जन्म की यह स्नेह की शक्ति वरदान बन आगे बढ़ा रही है। तो आज का दिन विशेष बाप और बच्चों के स्नेह का दिन है। हर एक ने अपने दिल में स्नेह के मोतियों की बहुत-बहुत मालायें बापदादा को पहनाई। और शक्तियां आज के दिन मर्ज हैं लेकिन स्नेह की शक्ति इम...