Skip to main content

191 स्वमानों की माला | List of 191 Swaman (Self-Respect points)

 

191 स्वमानों की माला | List of 191 Swaman (Self-Respect points)

175 स्वमानों की माला | List of 175 Swaman (Self-Respect points) image

191 स्वमानों की माला | List of 191 Swaman (Self-Respect points)

बाबा हमें बहुत ऊंची दृष्टि से देखते हैं… इस आधार से बाबा हमारे लिए जो भी शब्द उच्चारते, वह हमारे स्वमान बन जाते हैं!

तो आपके लिए, बाबा के दिए हुए 191 स्वमानों की लिस्ट तैयार की है, पुरुषार्थ को अति सहज बनाने के लिए!

अनादि (आत्मिक) स्वरूप

आत्मा का रूप

आत्मा के गुण

  • ज्ञान स्वरूप आत्मा, पवित्र स्वरूप आत्मा, शान्त स्वरूप, प्रेम, सुख, आनंद, शक्ति
  • मास्टर ज्ञान सागर, मास्टर पवित्रता का सागर, मास्टर शान्ति का सागर, प्रेम, सुख, आनंद, शक्ति
  • मास्टर नॉलेजफूल, ज्ञान गंगा, मास्टर ज्ञान सूर्य
  • परम पवित्र, मास्टर पतित पावनी, मास्टर पवित्रता का सूर्य
  • शान्तिदूत, शान्ति का फरिश्ता, शान्ति के भण्डार
  • प्रेम का अवतार
  • रहमदिल, दयालु, कृपालु
  • सुखदेव, मास्टर सुखकर्ता दुखहर्ता
  • सत-चित्-आनंद स्वरूप
  • मास्टर सर्वशक्तिवान, मास्टर ऑलमाइटी अथॉरिटी, समर्थ आत्मा

देवता स्वरूप

  • दिव्य आत्मा (देवता)
  • विश्व के मालिक, स्वर्ग के मालिक, विश्व राज्य अधिकारी, डबल ताजधारी
  • सर्वगुण सम्पन्न, सोलह कला सम्पूर्ण
  • सम्पूर्ण पवित्र, सम्पूर्ण निर्विकारी, सच्चे वैष्णव
  • डबल अहिंसक (अहिंसा परमोधर्म)
  • मर्यादा पुरुषोत्तम

पूज्य स्वरूप

  • पूज्य आत्मा, पूर्वज आत्मा, महान आत्मा
  • इष्ट देवी, शिव शक्ति, विघ्न विनाशक
  • आधार मूर्त, उद्धार मूर्त, उदाहरण मूर्त

फरिश्ता स्वरूप

श्वरीय जीवन

ज्ञान

  • ईश्वरीय सन्तान
  • गॉडली स्टूडेंट, ज्ञानी तू आत्मा
  • ब्रह्मा मुख वंशावली ब्राह्मण, ब्रह्माकुमार / ब्रह्माकुमारी
  • तीव्र पुरुषार्थी, सहज पुरुषार्थी, सच्चे पुरुषार्थी
  • स्वदर्शन चक्रधारी
  • त्रिकालदर्शी, त्रिनेत्री, त्रिलोकीनाथ
  • अकालतख्त-नशीन 
  • मास्टर क्रिएटर, मास्टर सतगुरू, मास्टर भगवान, मास्टर ब्रह्मा
  • अनन्य रत्न

योग

  • सहज योगी, निरन्तर योगी, स्वतःयोगी, कर्मयोगी
  • योगी तू आत्मा
  • राजयोगी, राजऋशी
  • बेहद के वैरागी, बेहद के सन्यासी, सर्वस्व त्यागी

भगवान का प्यार

  • भगवान के सिरमोर, नैनो के नूर, मस्तक मणी, गले का हार, दिलतख्तनशीन
  • रूहानी आशिक, दिलाराम की दिलरूबा, प्रीतमा
  • सच्ची गोपी, सच्ची सीता, सच्ची पार्वती

दिव्य गुणों की धारणा

  • धारणा-मूर्त, स्व चिंतक, शुभ चिंतक
  • संतुष्टमणी, सरलचित्त, मधुरभाषी, नम्रचित्त, निरहंकारी
  • आज्ञाकारी, वफादार, फरमानवरदार, ईमानदार, सपूत
  • एकनामी, एकव्रता
  • महावीर, महारथी, पाण्डव, रूहानी योद्धा
  • अचल, अडोल, एकरस
  • स्वमानधारी, स्वराज्य अधिकारी
  • एवर-रेडी, समाधान स्वरूप, सिद्धि स्वरूप
  • होली हंस
  • स्नेही
  • माननीय, गायन योग्य, पूजन योग्य

सेवा

  • अंधो की लाठी, रूहानी सेल्वेशन आर्मी, रूहानी सोशल वर्कर
  • भगवान के राइट हैंड, भगवान की भुजाएं, भगवान के मददगार, खुदाई खिदमतगार
  • दानी, महादानी, वरदानी 
  • सहयोगी, परोपकारी
  • सच्चे सेवाधारी, निरन्तर सेवाधारी, रूहानी सेवाधारी, ऑल-राउंड सेवाधारी
  • रूहानी माली, रूहानी सेल्समैन
  • विश्व कल्याणकारी, विश्व परिवर्तक
  • यज्ञ रक्षक

सार (191 स्वमानों की माला)

तो चलिए आज सारा दिन… भिन्न भिन्न स्वमानों का अभ्यास करने हुए सदा ऊंची स्थिति में स्थित रहे, जैसे बाबा हमें देखना चाहते हैं!… ओम् शान्ति!


Comments

Popular posts from this blog

Todays Hindi Murli

01-12-2024     प्रात:मुरली  ओम् शान्ति 18.01.2003 "बापदादा"    मधुबन ब्राह्मण जन्म की स्मृतियों द्वारा समर्थ बन सर्व को समर्थ बनाओ आज चारों ओर के सर्व स्नेही बच्चों के स्नेह के मीठे-मीठे याद के भिन्न-भिन्न बोल, स्नेह के मोती की मालायें बापदादा के पास अमृतवेले से भी पहले पहुंच गई। बच्चों का स्नेह बापदादा को भी स्नेह के सागर में समा लेता है। बापदादा ने देखा हर एक बच्चे में स्नेह की शक्ति अटूट है। यह स्नेह की शक्ति हर बच्चे को सहजयोगी बना रही है। स्नेह के आधार पर सर्व आकर्षणों से उपराम हो आगे से आगे बढ़ रहे हैं। ऐसा एक बच्चा भी नहीं देखा जिसको बापदादा द्वारा या विशेष आत्माओं द्वारा न्यारे और प्यारे स्नेह का अनुभव न हो। हर एक ब्राह्मण आत्मा का ब्राह्मण जीवन का आदिकाल स्नेह की शक्ति द्वारा ही हुआ है। ब्राह्मण जन्म की यह स्नेह की शक्ति वरदान बन आगे बढ़ा रही है। तो आज का दिन विशेष बाप और बच्चों के स्नेह का दिन है। हर एक ने अपने दिल में स्नेह के मोतियों की बहुत-बहुत मालायें बापदादा को पहनाई। और शक्तियां आज के दिन मर्ज हैं लेकिन स्नेह की शक्ति इम...